लोक देवता पाबूजी राठौड़ का (Lok Devta Pabuji Rathore) with Objective Question Answer
Post Update: October 17, 2022
लोक देवता पाबूजी राठौड़ का (Lok Devta Pabooji Rathore)
- जन्म – 1239 ई.
- जन्म स्थान - कोलूमण्ड गाँव, फलोदी (जोधपुर)
- पिता - धांधल जी राठौड़।
- माता - कमलादे।
- पत्नी – फूलमदे या सोढ़ी (अमरकोट के राजा सूरजमल सोढ़ा की पुत्री)
- अवतार - लक्ष्मण का
- पाबूजी राव सीहा के वंसज थे।
- उपनाम - ऊँटों के देवता, गौरक्षक देवता, प्लेग रोग निवारक देवता एवं सर्रा रोग का निवारक देवता
- प्रतीक चिह्न - भाला लिए हुए अश्वारोही।
- मेला - चैत्र अमावस्या
- नृत्य – थाली नृत्य
- पाबू प्रकाश - पाबूजी की जीवनी है जिसके रचयिता आशिया मोडजी थे।
- पाबूजी के पवाड़े या पावड़े - प्रसिद्ध गाथा गीत है, जो माठ वाद्य यंत्र के साथ नायक एवं रैबारी जाति द्वारा गाए जाते हैं।
- पाबूजी की फड़ – ऊँट बीमार होने या मन्नतपूर्ण होने पर नायक जाति के भोपे द्वारा रावण हत्था वाद्य यंत्र के साथ बाँची जाती है।
- यह फड़ सर्वाधिक लोकप्रिय है।
- पाबूजी की घोड़ी - केसर कालमी (यह काले रंग की घोड़ी उन्हें देवल चारणी ने दी)।
- 1276 ई. में जोधपुर के देचू गाँव में देवल चारणी की गायों को अपने बहनोई जींदराव खींची से छुड़ाते हुए पाबूजी वीर गति को प्राप्त हुए।
- पाबूजी के अंग रक्षक - चाँदा, डामा, हरमल, सलजी, साँवतजी
- अर्द्धविवाहित सोढ़ी पाबूजी के साथ सती हो गई।
- मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊँट लाने का श्रेय पाबूजी को जाता है।
- ऊँटों की पालक जाति राईका/रेबारी/देवासी के आराध्य देव पाबूजी हैं।
- पाबू धणी री वाचना - थोरी जाति के लोग सारंगी के साथ पाबूजी का यश गाते हैं जिसे राजस्थान की प्रचलित भाषा में पाबू धणी री वाचना कहते हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न
Q 1. मारवाड़ अंचल के किन पांच लोक देवताओ को पांच पीर के नाम से जाना जाता है ?
- पाबूजी, गोगाजी, फत्ताजी, रामदेव जी, मांगलिया मेहाजी,
- पाबूजी, गोगाजी, देव बाबा, रामदेव जी, मांगलिया मेहाजी,
- पाबूजी, गोगाजी, हड्बू जी, रामदेव जी, मांगलिया मेहाजी,
- पाबूजी, गोगाजी, देवनारायण जी, रामदेव जी, मांगलिया मेहाजी
Q 2. पाबूजी (lok devta pabuji) किस वंश से सम्बंधित थे ?
- तंवर
- साँखला
- राठोड
- चौहान
Q 3. पाबूजी (lok devta pabuji) को निम्न में से किस नाम से नहीं जाना जाता है ?
- प्लेगरक्षक
- ऊंटों के देवता
- जाहरपीर
- लक्ष्मण के अवतार
Q 4. पाबूजी की फड़ को क्रमशः नायक व राइका जाति द्वारा किन वाद्य यंत्रो के साथ बांचा जाता है ?
- सारण, माठ
- रावणहत्था, माठ
- माठ, सारण
- सारण, रावणहत्था
Q 5. किस लोक देवता ने देवल चारणी की गायों को छुड़ाने के लिए अपना बलिदान दिया ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी
Q 6. ऊंटों की पालक रेबारी जाति के पालक देवता कौन है
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी
Q 7. निम्न में से कौनसे देवता गौरक्षक है ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- पाबूजी
- उक्त सभी
Q 8. मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊंट लाने का श्रेय किस लोक देवता को जाता है ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी
Q 9. प्लेग रक्षक व ऊंटों के देवता के रूप में कौन लोकप्रिय है ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी
Q 10. कोलुमंड़ में पाबूजी का मेला कब भरता है ?
- चेत्र अवामस्या
- चेत्र शुक्ल दूज
- चेत्र कृष्णा दूज
- चेत्र कृष्णा नवमी
Q 11. पाबूजी के जीवन पर लिखी पुस्तक "पाबू प्रकाश" किसके द्वारा लिखी गयी है ?
- करनीदान
- आशिया मोडिया जी
- मुरारीलाल
- कुंजी लाल
Q 12. केसर कालमी किसकी घोड़ी थी ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी
Q 13. पाबूजी के सम्बन्ध में कौनसा कथन असत्य है ?
- पाबूजी राव सीहा के वंसज थे।
- पाबूजी को गौरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है ?
- चांदा- डेमा व हरमल पाबूजी के सहयोगी के रूप में जाने जाते है ?
- पाबूजी का जन्म 15 वी शताब्दी में हुआ था
Q 14. राजस्थान में ऊंट के बीमार होने पर किस देवता की पूजा की जाती है ?
- गोगाजी
- तेजाजी
- रामदेव
- पाबूजी