लोक देवता गोगाजी चौहान (Lok Devta Gogaji Chouhan) with Objective Question Answer
Post Update: October 17, 2022
- गोगाजी का जन्म - ददरेवा गाँव (चूरू)
- माता का नाम - बाछल दे
- पिता का नाम - जेवरजी चौहान
- पत्नी का नाम - केलम दे (कोलूमण्ड,फलोदी की राजकुमारी)
- प्रतीक चिह्न – भाला लिए अश्वारोही योद्धा
- सवारी - नीली घोड़ी (गोगा बप्पा)
- इनकी आराधना में श्रद्धालु सांकल नृत्य करते है।
- गीत - छावली
- इनका प्रमुख वाद्य यंत्र डेरू(यह आम की लकड़ी का बना होता है) है।
जन्म –
बाछल गोरखनाथ की भक्त थी। बाछल (गोगाजी की माता) की सेवा से प्रसन्न होकर गोरखनाथ ने गूगल धूप से बना सर्प दिया और कहा कि इसे दूध में घोल कर पी जाना। उसके परिणामस्वरूप गोगाजी का जन्म हुआ।
गोगा राखड़ी -
- किसान वर्षा के बाद खेत जोतने से पहले हल व बैल(हाली) को गोगाजी के नाम की राखी गोगा राखड़ी बाँधते हैं।
अन्य बाते
- गोगाजी का अपने मौसेरे भाइयों अर्जन व सुर्जन ने मुस्लिम आक्रान्ता महमूद गजनवी की मदद से गोगाजी पर आक्रमण कर दिया। गोगाजी वीरतापूर्वक लड़ते हुए शहीद हुए।
- इस युद्ध की जानकरी "रावसाल (रसावला) ग्रंथ" में मिलती है जिसके कवि मेह है।
- बिना सिर के ही गोगाजी को युद्ध करते हुए देखकर महमूद गजनवी ने गोगाजी को जाहरपीर (साक्षात पीर) कहा।
- युद्ध करते समय गोगाजी का सिर ददरेवा (चूरू) में गिरा इसलिए इसे शीर्षमेड़ी (शीषमेड़ी) कहते हैं तथा धड़ नोहर (हनुमानगढ़) में गिरा इसलिए इसे धड़मेड़ी या धुरमेड़ी या गोगामेड़ी भी कहते हैं।
- मुख्य मंदिर – धुरमेड़ी या गोगामेड़ी - नोहर, हनुमानगढ़
- गोगामेड़ी का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था।
- गोगामेड़ी के मुख्य द्वार पर ‘बिस्मिल्लाह’ लिखा है तथा इसकी आकृति मकबरेनुमा है।
- गोगामेड़ी का वर्तमान स्वरूप बीकानेर के महाराजा गंगासिंह की देन है।
- मेला - प्रतिवर्ष गोगानवमी (भाद्रपद कृष्ण नवमी) को गोगाजी की याद में गोगामेड़ी, हनुमानगढ़ में भव्य मेला भरता है।
- ददरेवा, राजगढ़, चूरू व रतनगढ़ आदि क्षेत्रों में गोगाजी के मेले लगते है।
- थान – गोगाजी के थान को गोगामेड़ी कहा जाता है। जो इन्द्रमानगढ़ किले में स्थित है।
- गोगाजी की ओल्डी – किलेरियो की ढ़ानी, सांचौर (जालोर)। यहा गोगाजी का कच्चा मंदिर और इस कच्चे मंदिर को ओल्डी कहते है इसी स्थान से गोगाजी की गायों को लूटा गया था।
- गोगामेड़ी में भाद्रपद मास में हिन्दू पुजारी (एक माह) तथा अन्य मास में मुस्लिम (मेहर जाति) पुजारी (चायल) (11 माह) पूजा करते हैं।
- खेजड़ी के वृक्ष के नीचे गोगाजी का थान माना जाता है।
- राजस्थानी कहावत – "गाँव-गाँव में खेजड़ी, गाँव–गाँव गोगाजी।"
- कवि मेह ने ‘गोगाजी का रसावला’ की रचना की।
- इस देवता को गायों व सर्पो के देवता भी कहते है।
नोट - गोगाजी के 'थान ' खेजड़ी के वृक्ष के नीचे होते है, जहाँ मूर्ति स्वरूप एक पत्थर पर सर्प की आकृति अंकित होती है।
महत्वपूर्ण प्रश्न
Q 1. गोगाजी किस वंश से सम्बंधित थे ?
- तंवर
- साँखला
- राठोड
- चौहान
Q 2. गोगाजी के थान किस वृक्ष के निचे होते है ?
- बरगद
- नीम
- पीपल
- खेजड़ी
Q 3. गोगाजी के खेजड़ी के वृक्षों के निचे थानों में मूर्ति के रूप में एक पत्थर पर किसकी आकृति अंकित होती है ?
- भाले
- सर्प
- गाय
- घोड़ी
Q 4. गोगाजी से सम्बंधित शीर्षमेडी को निम्न में से सुमेलित कीजिये ?
- सांचोर
- जन्म स्थल
- समाधी स्थल
- ददरेवा
Q 5. गोगाजी से सम्बंधित गोगामेडी को निम्न में से सुमेलित कीजिये ?
- सांचोर
- जन्म स्थल
- समाधी स्थल
- ददरेवा
Q 6. गोगाजी से सम्बंधित धुरमेडी को निम्न में से सुमेलित कीजिये ?
- सांचोर
- जन्म स्थल
- समाधी स्थल
- ददरेवा
Q 7. गोगाजी से सम्बंधित किलोरियो की ढाणि को निम्न में से सुमेलित कीजिये ?
- सांचोर
- जन्म स्थल
- समाधी स्थल
- ददरेवा
Q 8. गोगाजी को निम्न में से किस नाम से नहीं पुकारते है ?
- जाहरपीर
- गोगा बाप्पा
- गुग्गाजी
- सांपो के देवता
Q 9. किस देवता के पूजा स्थलों को मेडी के नाम से जाना जाता है ?
- पाबूजी
- रामदेवजी
- गोगाजी
- हड्बू जी
Q 10. गोगाजी का जन्म स्थान कन्हा है ?
- देदरेवा चुरू
- गोगामेडी नोहर
- सांचोर जालोर
- भीनमाल जालोर
Q 11. गोगामेडी में गोगाजी का वार्षिक मेला कब भरता है ?
- भाद्रप्रद शुक्ला नवमी
- भाद्रप्रद कृष्णा नवमी
- भाद्रप्रद शुक्ला द्वितीय
- भाद्रप्रद कृष्णा द्वितीय
Q 12. लोकदेवता गोगाजी के गुरु कोन थे ?
- बालकनाथ
- गोरखनाथ
- जसनाथ
- जम्भेश्वर
Q 13. नागदेवता के रूप में कौन प्रसिद्ध है ?
- पाबूजी
- तेजाजी- गोगाजी
- वीर कल्ला जी
- भूरिया बाबा
Q 14. किस लोक देवता ने गायों की रक्षा के लिए महमूद गजनवी से संघर्ष करते हुए बलिदान दिया था ?
- तेजाजी
- गोगाजी
- कल्लाजी
- केसरिया कुंवर जी
Q 15. किस लोकदेवता को जाहरपीर के नाम से भी पुकारते है ?
- तेजाजी
- गोगाजी
- कल्लाजी
- केसरिया कुंवर जी
Q 16. किसान वर्षा के बाद हल जोतने से पहले ‘गोगा राखडी’ कंहा बांधता है ?
- हल पर
- हाली पर
- हल- हाली दोनो पर
- खेत की पाल पर