अदा युक्तियाँ (Input Devices)
अदा युक्तियाँ (Input Devices)
डाटा और अनुदेशों के सामान्य संकेतों को जिस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा बाइनरी रूप में सी पी यू तक प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाता है उसे इनपुट डिवाइस कहते हैं। इनपुट डिवाइसें निम्न हैं-
की-बोर्ड-
- यह टाइपराइटर की तरह बटन दबाकर शब्द और कैरेक्टर लिखने के लिए उपयोग किया जाने वाला यंत्र है। की-बोर्ड के माध्यम से टेक्स्ट डाटा एवं अनुदेशों को कम्प्यूटर के अंदर इनपुट कराया जाता है।
- वर्तमान में QWERTY की-बोर्ड का प्रचलन बहुत बढ़ गया है जिसमें 104 बटन होते हैं।
(i) टाइपराइटर बटन :-
इसमें अंग्रेजी टाइपराइटर की तरह अंग्रेजी के सभी अक्षर, अंक (0 से 9) तथा कुछ विशेष चिह्न- कोमा () फुल स्टॉप (.), बराबर (-) आदि होते हैं।
(ii) फंक्शन बटन :-
की-बोर्ड के सबसे ऊपर फंक्शन बटन होते हैं जो F। से F12 तक होते हैं। इनमें से प्रत्येक बटन विशेष कार्य के लिए होता है और इनका कार्य इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर के द्वारा निर्धारित होता है। वस्तुत: एक एक बटन एक एक पूरे आदेश के बराबर होता है।
F1 -
कम्प्यूटर पर काम करते समय हमें मदद की आवश्यकता होती है। जिस प्रोग्राम में हम काम कर रहे है उससे सम्बन्धित मदद के विंडोज डेस्कटॉप पर दिखाई देती है।
F2 -
कम्प्यूटर पर इस कुंजी की सहायता से किसी भी फोल्डर एवं फाइल का नाम बदल सकते है जिसके लिए उस फाइल एवं फोल्डर पर जाकर इस कुंजी को दबाएँ एवं नाम टाईप करके बाहर क्लिक करें।
F3 -
कम्प्यूटर पर इस कुंजी की सहायता से किसी भी फोल्डर, फाइल, चित्र आदि को खोला जा सकता हैं। इसको दबाने से डेस्कटॉप पर एक सर्च विंडो खुलेगी है।
F4 -
कम्प्यूटर पर इस कुंजी की सहायता इंटरनेट एक्सप्लोर में एड्रस बार खुल जाएगी और Alt के साथ F4 दबाने से चालू प्रोग्राम बंद हो जाएगा।
F5 -
कम्प्यूटर को इस कुंजी की सहायता से ताजा (Refresh) कर सकते है और वेब पेज को दुबारा लोड किया जा सकता हैं।
F6 -
वर्ड में काम करते समय इस कुंजी को दो बार दवाने से मेनू बार सक्रिय हो जाती है।
F7 -
वर्ड में काम करते समय वर्तनी और व्याकरण से सम्बन्धित गलती को सुधारने के लिए यह कुंजी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
F8 -
कम्प्यूटर में विंडो लोड करते समय इस कुंजी को दबाकर बूट प्रक्रिया चालू की जा सकती है। ज्ञातव्य है कि वर्ड में इसकी सहायता से सलेक्शन को बढ़ाया जा सकता है।
F9 -
वर्ड में इस कुंजी की सहायता से सलेक्सन को हटाया जाता है और यह बूट प्रक्रिया चालू करने के काम में ली जाती है।
FI0 -
कम्प्यूटर पर इस कुंजी की सहायता प्रोग्राम की मेनू बार को सक्रिय किया जा सकता है और Shift के साथ FI0 दबाने से डेस्कटॉप पर Right Click का कार्य किया जाता हैं।
F11 -
इंटरनेट एक्सप्लोर में काम करते समय इस कुंजी की सहायता से इंटरनेट एक्सप्लोर को पूरे स्क्रीन पर देखा जा सकता है।
F12 -
वर्ड में कार्य करते समय इस कुंजी की सहायता से Save as विण्डो खुल जाती है और फाईल को सेव किया जा सकता हैं।
(iii) संख्यात्मक की-पैड -
टाइपराइटर बटन के दायीं ओर संख्यात्मक की-पैड होता है जिसके द्वारा कैलकुलेटर की भौत विभिन्न कार्यों यथा जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि संपादित किए जाते हैं।
(iv) कर्सर मुवमेन्ट बटन (Cursor Movement Keys)-
- टाइपराइटर बटन तथा संख्यात्मक की पैड के बीच में नीचे की ओर तीर के निशान वाले चार बटन होते हैं जिनसे कर्सर को दाँयें, बायें , ऊपर तथा नीचे ले जाया जा सकता है।
- इस कर्सर मुवमेन्ट बटन के ऊपर कर्सर कंट्रोल के लिए चार बटन और होते हैं जो होम (Home), एंड (End), पेज अप (Page up) तथा पेज डाउन (Page down) होते हैं।
- होम बटन से कर्सर को लाइन के प्रारम्भ या पेज के प्रारम्भ में लाया जाता है, एंड बटन से कर्सर को लाइन या पेज के अन्त में लाया जाता है, पेज अप से पिछले पेज में और पेज डाउन से कर्सर को अगले पेज पर लाया जाता है।
(v) विशेष कार्य बटन (Special purpose Key)-
(a) न्यूमेरिक लॉक बटन (Num Lock Key)-
Num lock बटन के ऑन या दबने पर संख्यात्मक की-पैड के बटन के ऊपर लिखो संख्यायें टाइप होती हैं तथा यदि यह ऑफ हो तो बटन पर लिखे कार्य संपन नहीं होते हैं।
(b) कैप्स लॉक बटन (Caps Lock Key)-
इस बटन के ऑन होने या दबने पर अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षर (Capital letter) लिखे जाते हैं और ऑफ होने पर वर्णमाला के छोटे अक्षरों को टाइप किया जाता है।
(c) शिफ्ट बटन (Shilt Key)-
किसी बटन पर यदि दो चिह्न हैं तो उस बटन को शिफ्ट के साथ दबाने पर बटन का ऊपर वाला अक्षर चिह्न टाइप होता है।
(d) टैब बटन (Tab Key)-
इसके द्वारा किसी चार्ट, टेबल या एक्सेल प्रोग्राम में एक खाने से दूसरे खाने में जाया जाता है। यह कर्सर को एक निश्चित दूरी तक कूदाते (Jump) हुए ले जाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
(e) रिटर्न या इन्टर बटन (Enter Key)-
स्क्रीन पर टाइप डाटा या निर्देशों को कम्प्यूटर में भेजने के लिए इस बटन का प्रयोग किया जाता है। वर्ड प्रोग्राम में इसके द्वारा नया पैराग्राफ या नयी लाइन भी प्रारंभ की जाती है।
(f) एस्केप बटन (Escape key)-
इसके द्वारा चालू प्रोग्राम से बाहर निकलने या पिछले कार्य को समाप्त करने का कार्य किया जाता है।
(g) बैक स्पेस बटन (Back Space Key)-
इसके द्वारा टाइपिंग के दौरान की गयी गलती को सुधारने का कार्य किया जाता है।
(h) डिलीट बटन (Del-Delete Key)-
इससे चयनित शब्द, लाइन या पैराग्राफ, पेज या फाइल को मिटाया जा सकता है। इसका प्रयोग कर्सर के दायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस को मिटाने के लिए भी किया जाता है।
(i) स्क्रॉल लॉक बटन (Scroll Lock Key)-
इस बटन को दबाकर कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ रही सूचना को एक स्थान पर रोका जा सकता है। अगर इसे दुबारा दबाया जाए तो सूचना फिर से शुरू हो जाती है।
(j) पॉज बटन (Pause Key)-
इसका कार्य स्क्रॉल बटन जैसा है।
(k) प्रिंट स्क्रीन बटन (Print Screen Key)-
इसके द्वारा स्क्रीन पर दिख रहे सूचना या डाटा को प्रिन्ट किया जा सकता है।
(l) कंट्रोल + आल्ट + डिलीट (Cirl + Alt + Del)-
इन तीनों बटनों को एक साथ दबाकर किसी चल रहे प्रोग्राम को बंद किया जाता है और कम्प्यूटर फिर से शुरू होने वाली अवस्था में स्वयं पहुंच जाता है। ऐसा प्राय: तब किया जाता है जब कम्प्यूटर किसी अन्य आदेश का पालन नहीं करता अर्थात् जब हैंग (Hang) हो जाता है। यह वास्तव में रिसेट करने की प्रक्रिया है।
माउस (Mouse)
- यह एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसका उपयोग निर्देशों को कम्प्यूटर में डालने हेतु किया जाता है।
- भाउस का मुख्य कार्य स्क्रीन पर पॉइन्टर को चलाना होता है।
- GUI (Graphical User Interface) के प्रयोग के कारण इसका महत्व काफी बढ़ गया है।
- माउस में दो या तीन बटन होते हैं जो दाँयें, बाँयें एवं मध्य में स्थित होते हैं।
- माउस के निचले सता पर एक रबर बॉल होता है जिसके समतल सतह पर घूमने से प्वाइंट की दिशा व गति में परिवर्तन होता है।
- माउस द्वारा प्वांइटर एवं सेलेक्ट करने का कार्य किया जाता है।
- माउस प्वाइंट को अगर किसी स्थान पर ले जाने पर वह हाथ के आकार का होता है तो इसे प्वाइंट कहते हैं और यदि आइकन (icon) या अक्षर (Text) के रंग में परिवर्तन होता है तो इसे सेलेक्ट कहते हैं।
- पेंट या ब्रश से संबंधित प्रोग्राम में इसके द्वारा ब्रश या कलम का कार्य किया जाता है।
- माउस के बायें बटन को एक बार दबाना क्लिक, दो बार जल्दी-जल्दी दबाना डबल क्लिक और बटन को दबाये रख कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर माउस को ले जाना हैग (Drag) कहलाता है।
- बटन दबाये रखने के बाद छोड़ना ड्रॉप (Drop) कहलाता है।
ऑप्टिकल माउस (Optical mouse) -
सामान्य माउस से इस माउस में अन्तर यही रहता है कि इसमें रबर बॉल की जगह प्रकाशीय डायोड (LED-Light Emilting Diode) लगा रहता है।
ट्रॅक बॉल (Track Ball) -
यह माउस का ही एक रूप है जिसमें रबर बॉल ऊपर लगा रहता है ना कि निचले सतह पर। अत: इससे माउस को अपने स्थान से हटाए बिना भी प्वांइटर के स्थान में परिवर्तन किया जा सकता है। इसका प्रयोग आमतौर पर CAM (Computer Aided Manufacturing) और CAD (Computer Aided Design) में किया जाता है।
जॉयस्टिक (Joy stick)
यह ट्रैकबॉल की तरह कार्य करने वाला एक सामान्य यंत्र (प्वांइटिंग डिवाइस) जिसमें हाथ में पकड़ी जाने वाली एक छड़ी होती है जो इसके एक किनारे पर दो या तीन परिमाप वाले कोणों की पहचान करने के लिए धूरी का कार्य करती है। इसका उपयोग विडियो गेम, सिमुलेटर प्रशिक्षण आदि में किया जाता है।
स्कैनर (Scanner)
इस इनपुट डिवाइस के माध्यम से विभिन्न तस्वीरों/रेखाचित्रों को डिजिटल चित्र में परिवर्तित कर कम्प्यूटर में दर्ज किया जाता है। इसको परिवर्तित (Editing) भी किया जा सकता है। इसका आकार फोटोस्टेट मशीन से छोटा होता है।
वेब कैमरा (Webcam)
यह विजुअल इनपुट प्रदान करने के लिए अल्प ध्वनि वाला वीडियो कैमरा होता है। चलचित्रों को कम्प्यूटर में इनपुट कराने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। यह सामान्यत: डिजिटल कैमरे की तरह होता है। इसका प्रयोग इन्टरनेट की सहायता से दूर स्थित किसी व्यक्ति को देखने के लिए किया जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसी का प्रयोग किया जाता है। इससे हम सजीव डाटा भेज या प्राप्त कर सकते हैं।
बार कोड रीडर (BCR-Bar Code Render)
- यह विशेष प्रकार के डाटा को ग्रहण करके कम्प्यूटर में इनपुट कराने का कार्य करते हैं ।
- बार कोड विभिन्न दूरी पर स्थित विभिन्न चौड़ाई की काली पट्टियाँ होती हैं जिनमें सूचनाएँ भरी रहती हैं। बार कोड रीडर की सहायता से बार कोड को पढ़ा जा सकता है।
- UPC (Universal Product Code) सर्वाधिक प्रयोग वाला बार कोड है।
- इसमें 10 लाइनें होती हैं जिनमें प्रथम पाँच से उत्पादक तथा आपूर्तिकर्ता के बारे में और अंतिम पाँच से उत्पाद की जानकारी प्राप्त होती है।
ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR)
यह इनपुट डिवाइस है जो एक फॉर्म पेपर पर ब्रेकेट, रिक्त स्थानों या बॉक्स पर लगे पेंसिल, पेन के चिह्न को पढ़कर कम्प्यूटर में डाटा प्रवेश कराती है। आजकल हो रही प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम इसी विधि से ज्ञात किए जा रहे हैं।
माइकर (MICR-Magnetic Ink Character Render)
इसका प्रयोग आइरन ऑक्साइड (चुम्बकीय पदार्थ) से लिखे अक्षरों को कम्प्यूटर द्वारा पढ़ने में किया जाता है। इस चुम्बकीय स्याही से लिखे अक्षरों का प्रयोग बैंक चेकों एवं ड्राफ्टों में सामान्यतः किया जाता है। माइकर कोड में 14 कैरेक्टर (0 से 9 तक के अंक और चार चिह्न) होते हैं।
गेमपैड
यह हाथ में पकड़ने वाला एक सामान्य खेल नियंत्रक है जो इनपुट प्रदान करने के लिए अंगों पर (विशेष रूप से अंगूठो) पर निर्भर रहता है।
प्रकाशीय पेन (Light Pen)
पेन के आकार का प्वांइटिंग डिवाइस जिसका प्रयोग बार कोड को पढ़ने, स्क्रीन पर लिखने या चित्र बनाने के लिए किया जाता है। इस पेन पर लगे सेंसर के माध्यम से कम्प्यूटर अक्षरों या रेखाओं को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है।
टच स्क्रीन (Touch Screen)
इसमें स्क्रीन को छूकर निर्देश दिया जाता है और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करवाया जाता है। इसका प्रयोग बैंकों के ATM (Automated Teller Machine) में किया जाता है।
स्पीच रिकॉगनिशन सिस्टम (Speech Recognition System)
यह एक ऐसा डिवाइस है जिसके द्वारा बोलकर कम्प्यूटर को डाटा पा सूचना दी जा सकती है। Speaking Dragon eventually एक इसी प्रकार का सॉफ्टवेयर है।
OCR (Optical Character recognition)
यह एक इनपुट उपकरण है जो प्रकाशीय व्यवस्था द्वारा अक्षरों और चिह्नों को पहचान कर बया इनपुट करता है।