एनिमेशन (animation)
कम्प्यूटर एनिमेशन एक इमेज के सेट (जिसे फ्रेम कहते हैं) को उत्पन्न, सीक्वेंस और डिस्प्ले (एक विशिष्ट रेट पर) करने का काम करती है जिससे विजुअल बदलाव या गति का चलचित्र जैसा प्रभाव लाया जा सके। एनिमेशन मल्टीमीडिया का महत्त्वपूर्ण हिस्सा । क्योंकि जैसे चित्र किसी जानकारी को समझाने का सशक्त जरिया है, एक छोटा सा एनिमेशन क्लिप गति संबंधी विचारों को समझाने का और भी सशक्त एवं उपयोगी माध्यम है।
उदाहरण- छोटे बालकों को पढ़ाने के लिए मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में, एक एनिमेशन क्लिप खरगोश के फुदकने और चलने के दौरान चाल में अंतर दिखाने के लिए बहुत प्रभावी सिद्ध होगा। बिना एनिमेशन के चित्रों द्वारा या केवल टेक्स्ट से ऐसे विचार समझाना बहुत कठिन है। उसी तरह, तैराकी, सीखने के लिए मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में, तैराकी के समय हाथों को सही ढंग से हिलाने का तरीका चित्रों या टेक्स्चुअल विवरण से अधिक प्रभावी ढंग से मल्टीमीडिया एप्लिकेशन द्वारा समझाया जा सकता है। एनिमेशन को प्रायः वीडियो के साथ मिला दिया जाता है।
शायद इसलिए क्योंकि दोनों में ही चित्रों (फ्रेम) की श्रृंखला को डिस्प्ले कर गति का प्रभाव उत्पन्न किया जाता है। परन्तु, एनिमेशन सामान्यत: उन स्थानों पर प्रयोग होती है जहाँ विडियोग्राफी संभव नहीं है। या जहाँ इन विचारों को एनिमेशन वीडियो से बेहतर समझाया जा सकता है। उदाहरण-दो सितारों के बीच टकराव, या ग्रहों का सूर्य के चारों और भ्रमण, यह वीडियोग्राफ नहीं किया जा सकता, अत: ये एनिमेशन क्लिप द्वारा दर्शाए जाते हैं। उसी तरह, हमारी धमनियों में रक्त का बहाव और हृदय द्वारा रक्त संचार एनिमेशन क्लिप द्वारा सर्वोत्तम ढंग से दर्शाया जा सकता है।
एनिमेशन सामान्यत: विज्ञापनों, कार्टून फिल्मों, वीडियो खेलों और वर्चुअल रियलिटी एप्लिकेशनों में प्रयोग होती है। वर्चुअल रिऐलिटी अपेक्षाकृत नई कम्प्यूटर तकनीक है, जिसके प्रयोग से यूजर दस्ताने और चश्मे चढ़ा 3D की दुनिया की सैर कर सकता है जो केवल कम्प्यूटर में है, परन्तु यूजर को वास्तविक प्रतीत होती है। एनिमेशन द्वारा इमेजों की श्रृंखला एक उचित गति पर डिस्प्ले किया जाता है जिससे गति का प्रभाव उत्पन्न होता है। झटकों से मुक्त एनिमेशन के लिए प्रति सैकण्ड 25 से 30 फ्रेम डिस्प्ले करने चाहिए।
एनिमेशन के लिए हार्डवेयर यंत्र- कम्प्यूटर एनिमेशन
में सामान्यत: निम्न हार्डवेयरं डिवाइस होती हैं-
1.इमेज उत्पन्न करने वाले टूल और डिवाइस जैसे स्कैनर, डिजिटल कैमरा और वीडियो कैप्चर बोर्ड, जो किसी स्टैण्डर्ड वीडियो स्तोत्र जैसे वीडियो कैमरा या वीडियो कैसेट रिकॉर्डर (VCR) से जुड़े होते हैं। इन्हें एनिमेशन में प्रयुक्त इमेज उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
2. इमेज डिस्प्ले क्षमता वाले कम्प्यूटरों मॉनिटर एनिमेशन डिस्प्ले करने के लिए न्यूनतम आवश्यकता होती है। एनिमेशन वाले मल्टीमीडिया कम्प्यूटर सिस्टमों को भी ग्राफिक अक्सेलरेटर बोर्ड की आवश्यकता होती है जो न केवल रेजोलूशन पर नियंत्रण करे अपितु डिस्प्ले में रंगों की संख्या पर भी नियंत्रण करे और रिफ्रेश पर को भी गति दे। रिफ्रेश रेट वह समय है जो कम्प्यूटर स्क्रीन को नए इमेज फ्रेम द्वारा पिछले इमेज फ्रेम के ऊपर पेंट करने के लिए प्रयोग होता है। ग्राफिक अक्सेलरेटर बोर्ड द्वारा गति बढ़ने से हरकत बराबर हो जाती है क्योंकि जब आगे के एनिमेशन क्लिप शीघ्रता से डिस्प्ले होते हैं तो एनिमेटेड शृंखला कम टूटती है।
एनिमेशन के लिए सॉफ्टवेयर आवश्यकताएँ
एनिमेशन सुविधा वाले मल्टीमीडिया कम्प्यूटर सिस्टम में निम्न सॉफ्टवेयर क्षमताएँ वांछनीय हैं-
1. एनिमेशन बनाने का सॉफ्टवेयर-
यह यूजरों को प्रारंभ से माउस की सहायता से एनिमेशन शृंखला बनाने में सहायता करता है साथ ही विभिन्न रंगों के साथ लाइन, गोलाकार और पॉलीगन बनाने में भी सहायता करता हैं। उदाहरण-गेंद की उछाल को दर्शाने के लिए एनिमेशन शृंखला निम्न रूप में बनाई जा सकती है
- एक गोलाकार वस्तु का चयन कीजिए और उसे लाल रंग से भर दीजिए।
- फिर एनिमेशन-क्रिएशन सॉफ्टवेयर का रिकार्डर शुरू कीजिए।
- फिर लाला गोलाकार का चयन कीजिए और माउस के प्रयोग से उसे स्क्रीन पर घसीटिए, उसके लिए स्क्रीन पर कई स्थान रिकॉर्ड करते हुए (प्रत्येक बार जब आप बटन को छोड़ते हैं, आप वस्तु की स्क्रीन पर स्थिति रिकॉर्ड करते हैं।) अंत में, रिकॉर्ड रोकिए और सेव कमांड से एनिमेशन को सेव कीजिए।
अब रिकॉर्ड की गई एनिमेशन को जाँचने के लिए, एनिमेशन क्रिएशन सॉफ्टवेयर का प्लेयर शुरू कीजिए और लाल गेंद पर क्लिक कीजिए। गेंद स्क्रीन पर रिकॉर्डिंग के समय रिकॉर्ड की गई स्थितियों के अनुसार उछलेगी। वही उछलने की श्रृंखला हर बार गेंद को क्लिक करने पर दोहराई जाएगी।
2. स्क्रीन कैप्च सॉफ्टवेयर-
यह कम्प्यूटर स्क्रीन डिस्प्ले का चित्र लेने के लिए प्रयोग होता है और ग्राफिक इमेज की तरह कैप्चर किया जा सकता है जो एनिमेशन क्लिप की तरह प्रयोग किया जा सकता है।
3. एनिमेशन क्लिप-
यह क्लिप की लाइब्रेरी है। इसमें से सीधे एनिमेशन का चयन कर, इम्पोर्ट किया जा सकता है जो मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में प्रयोग होता है। इससे समय और मेहनत की बहुत बचत होती जो वैसी ही किसी एनिमेशन की खोज में व्यर्थ हो जाती है। यह तब भी सहायक है जब किसी के पास एनिमेशन क्रिएशन सॉफ्टवेयर नहीं होता। एनिमेशन क्लिप लाइब्रेरी प्रायः नए एनिमेशन क्लिप एड करने या लाइब्रेरी से मौजूदा एनिमेशन क्लिप को डिलीट करने के काम आता है।
4. एनिमेशन फाइल इम्पोर्टिंग-
एनिमेशन डालने वाली मल्टीमीडिया एप्लिकेशन बनाने का कार्य भी प्राय: बहुत सरल किया जा सकता है, यदि एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर किसी स्टैण्डर्ड फॉरमैट में एनिमेशन फाइलें इम्पोर्ट कर सकता है। एनिमेशन फाइल इम्पोर्टिंग सॉफ्टवेयर इसे सुविधाजनक बनाता है। कुछ सामान्य एनिमेशन फाइल फॉरमैट जो ऐसे सॉफ्टवेयर को समर्थित करता है, उनमें .FLL और .FLC आते हैं।
5. हाई रेजोलूशन के लिए सॉफ्टवेयर समर्थन-
यदि ल्टीमीडिया एप्लिकेशन की एनिमेशन शृंखला बहुत उच्च कोटि की इमेजों की बनी है तो केवल आवश्यक हार्डवेयर होना महत्त्वपूर्ण नहीं है, परन्तु हार्ड रेजोलूशन इमेज के डिस्प्ले का समर्थन करने वाला सॉफ्टवेयर भी अनिवार्य है। इसके लिए रंगों के लिए सॉफ्टवेयर समर्थन आवश्यक है जिससे एनिमेशन डिस्प्ले की उच्च गुणवता बनाई जा सके।
6. रिकॉर्डिंग और प्लेबैक सिस्टम-
यह यूजरों को एनिमेशन शृंखला की रिकॉर्डिंग और डिस्प्ले का नियंत्रण करने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए, यह 'पास' और 'रिप्ले' की सुविधाएँ एनिमेशन श्रृंखला में उपलब्ध करवाता है।
7. ट्राजिशन इफैक्ट्स-
फेड इन, फेड आउट, लेयरिंग, ज्यूमिंग और वस्तुओं की रोटेशन जैसे ट्रांजिशन इफैक्ट्स से एनिमेशन और अधिक रोचक बनाई जा सकती है।